खुशी
धन से आज तक किसी को खुशी नहीं मिली और न ही मिलेगी। जितना अधिक व्यक्ति के पास धन होता है वह उससे कहीं अधिक चाहता है। धन रिक्त स्थान को भरने के बजाय शून्यता पैदा करता है। ---
बेंजामिन फ्रेंकलिन
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें