सब्र
सब्र जिन्दगी के मकसद का दरवाजा खोलता है क्योंकि सिवाय सब्र के उस दरवाजे की कोई कुंजी नहीं है। ---
शेख सादी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें