प्रसन्नता
प्रसन्न रहने से न केवल मस्तिष्क में अच्छे विचार आते है बल्कि हमारा चित शुभ कार्यों की ओर लगा रहता है। ---
रविन्द्रनाथ टैगोर
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुखपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें