हिन्दी तथा संस्कृत
शत्रु को पराजित करने के लिए ढाल तथा तलवार दोनों की आवश्यकता होती है। इसलिए हिन्दी तथा संस्कृत का अध्ययन मन लगा कर करो। ---
स्वामी विवेकानंद
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