असंतोष
असंतोषी और असंतुष्ट व्यक्ति के लिए सभी कर्तव्य नीरस होते है। अत: उसका जीवन असफल होना स्वाभाविक है । --
स्वामी विवेकानन्द
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें