पुरूषार्थ
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपनी समस्त शक्तियों द्वारा परिश्रम करना ही पुरूषार्थ है । ---
पतंजलि
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुखपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें