भाषा
सभ्यता की भाषा में दिक्कत यह है की सब जगह और सब तरह के लोग उसे समझ नहीं पाते । असभ्यता की भाषा की शान यह है की उसे सब जानते है। --
रवीन्द्र नाथ ठकुर
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