ताकतें
ब्रह्माण्ड में मौजूद सारी ताकते हमारे पास है। ये तो हम है जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते है और फिर अँधेरे का रोना रोते है। --- स्वामी विवेकानन्द
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